सतंभप्रसारणविभूति
स्तंभो कि छवि का स्तंभ स्तुति स्तोत्र का सृजन रूपी माध्यम -व्यर्थ यात्रा के चित्रण स्तंभ की अस्तित्व की आसीमता में खोज की शैली।।
जिसका आदि या शज नहीं होता मनु भी हां तो अभी तक आपने देखा पढ़ा समझा और जाना कि मनु एक कलि से ग्रस्त होकर रोगिन श्रेणी कलि के युग का देव बन चुका है जिसे हम कलियौता कहकर संबोधित करने में ज़रा भी संकोच नहीं होगा ठीक उसी तरह दूसरी ओर स्त्री कि भी विषेशता बताई गई है मगर उससे पूर्व आपको यह जानना पढना और समझना जरूरी है कि क्या कोई मनु और स्त्री काभी शव होकर शिव में परिवर्तित हो सकते हैं! अगर हां तो यह व्यर्थ नहीं और हां तो यह शव होकर भी शिव नहीं कोई इस तरह इस तथ्य पद...
जिसका आदि या शज नहीं होता मनु भी हां तो अभी तक आपने देखा पढ़ा समझा और जाना कि मनु एक कलि से ग्रस्त होकर रोगिन श्रेणी कलि के युग का देव बन चुका है जिसे हम कलियौता कहकर संबोधित करने में ज़रा भी संकोच नहीं होगा ठीक उसी तरह दूसरी ओर स्त्री कि भी विषेशता बताई गई है मगर उससे पूर्व आपको यह जानना पढना और समझना जरूरी है कि क्या कोई मनु और स्त्री काभी शव होकर शिव में परिवर्तित हो सकते हैं! अगर हां तो यह व्यर्थ नहीं और हां तो यह शव होकर भी शिव नहीं कोई इस तरह इस तथ्य पद...