काली
स्त्रियों!
समझ जाओ...
किसी के घर की थाली,
किसी के मुँह की गाली,
किसी की तोड़ी हुई डाली
बनने से बेहतर है
हिम्मत और ताकत बढ़ाकर
स्वयं ही, स्वयं की
रखवाली बन जाना।
पीड़ा की
सहानुभूति बटोरकर
अबला बनने से
बेहतर है,
विभूति लगाकर
काली बन जाना।
❣️❣️❣️
©shajidapathan
@_tikhi_qalam
#shajidapathan #Love&love #poetrycommunity #Life&Life #stree #स्त्री
© shaj
समझ जाओ...
किसी के घर की थाली,
किसी के मुँह की गाली,
किसी की तोड़ी हुई डाली
बनने से बेहतर है
हिम्मत और ताकत बढ़ाकर
स्वयं ही, स्वयं की
रखवाली बन जाना।
पीड़ा की
सहानुभूति बटोरकर
अबला बनने से
बेहतर है,
विभूति लगाकर
काली बन जाना।
❣️❣️❣️
©shajidapathan
@_tikhi_qalam
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