काली
स्त्रियों!
समझ जाओ...
किसी के घर की थाली,
किसी के मुँह की गाली,
किसी की तोड़ी हुई डाली
बनने से बेहतर है
हिम्मत और ताकत...
समझ जाओ...
किसी के घर की थाली,
किसी के मुँह की गाली,
किसी की तोड़ी हुई डाली
बनने से बेहतर है
हिम्मत और ताकत...