एक क़िस्सा
वो कभी नहीं समझेंगे
कि हमने उनके लिए
क्या क्या किया
वो कभी नहीं समझेंगे
कि कैसे सुकून देकर उनको
हमने सारा का सारा दर्द लिया ,
अब लगता है , इस झूठी उम्मीद को
दिल से निकला जाए ..
बहुत सोचा भला दूसरों का ,
अब ज़रा ख़ुद के दिल को भी
बड़ी तहज़ीब से सम्भाला जाए ….
करता है दिल शिकायतें मुझसे अक्सर
कहता है भूल जा ..
इस लम्बी ज़िंदगी में
वो क़िस्सा था बस मुख्त्सर !!
कि हमने उनके लिए
क्या क्या किया
वो कभी नहीं समझेंगे
कि कैसे सुकून देकर उनको
हमने सारा का सारा दर्द लिया ,
अब लगता है , इस झूठी उम्मीद को
दिल से निकला जाए ..
बहुत सोचा भला दूसरों का ,
अब ज़रा ख़ुद के दिल को भी
बड़ी तहज़ीब से सम्भाला जाए ….
करता है दिल शिकायतें मुझसे अक्सर
कहता है भूल जा ..
इस लम्बी ज़िंदगी में
वो क़िस्सा था बस मुख्त्सर !!