...

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पहला पहला प्यार
तुमसे मिले जब पहली बार
सच मे पता नहीं था
होता है क्या प्यार
जब किसी के प्यार के बारे में सुनते थे
किसी का पागलपन देखते थे
हमको हंसने के मिलते थे बहाने
जब मिलते थे किसी दिवानी या दिवाने से
सब कुछ हमको लगता था इक खेल
भला होते हैं कैसे ऐसे किसी से मेल
तुमको देखकर दिल में इक एहसास जागा
ऐसा लगा तुम्हारी तरफ खींचता है ,कोई धागा
एक अजीब सा एहसास
जैसे तुम हो हमारे सबसे खास
ना चाहते हुए भी सिर्फ तुम्हारा ख्याल आता
डर है या खुशी हमें खुद समझ नहीं आता
तुम्हारा ख्याल चैन से रहने नही देता
मन का डर चैन से जीने नहीं देता
आंख मिचौली खेलते खेलते खेलते ,
ये स्वीकार किया
हां हमने भी...