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दुर्लभ है ब्रह्म तत्व?
#बूंदयात्रा

वर्षा की अंतिम बूँद ने सागरों को अधिक छलकने से निषिध्द करने हेतु अपनी आयु को समाप्त किया, जिस प्रकार शीत अपने आप में ग्रीष्म में सम्मिलित होने जा रही थी, फाल्गुन माह के जकड़ में माघ की अंतिम शीत लहर थी और अब वह भी मृत्यु को प्राप्त कर रहा था, उसे स्मरण हो आया कि वर्षा ने उसे ऋतु के प्रारंभ में क्या कहा था "वस्तुत मैं भी मृत्यु को प्राप्त करूंगा तदुपरांत...