ये बात मुझसे ही नही बताती है
वो आँखो से प्यार जताती है,
पर इज़हार दिल मे छुपाती है,
कहती है दूसरो से इश्क़ है उसे मुझसे,
पर ये बात मुझसे ही नही बताती है
वो चुपके से मुझे ही देखा करती है
जो देखूँ उसको तो मुझसे नज़रे चुराती है,
उसे प्यार है मुझसे कितना,
बस मुझको ही नही बता पाती है
भीड़ मे भी मुझे ही खोजा...
पर इज़हार दिल मे छुपाती है,
कहती है दूसरो से इश्क़ है उसे मुझसे,
पर ये बात मुझसे ही नही बताती है
वो चुपके से मुझे ही देखा करती है
जो देखूँ उसको तो मुझसे नज़रे चुराती है,
उसे प्यार है मुझसे कितना,
बस मुझको ही नही बता पाती है
भीड़ मे भी मुझे ही खोजा...