...

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ए़! हुस्न...
जो नहीं देखना था वो भी देख लिया
ए हुस्न! तेरी आँखों में क्या क्या देख लिया ..

फिर वही बातें दोहरा कर ख़ुद को भुला दिया
तुम्हें अपने दिल में बसा कर, धड़कन कहला दिया
जो नहीं करना था वो भी कर दिया
ए हुस्न! तेरी आँखों में क्या क्या देख लिया

ना साथ तुम्हारा था उम्र भर का,
ना तुम्हारा इश्क़ उम्र भर का
अपनी दुनिया सौंप के ख़ुद कंगाल कर लिया
ख़ुदा अपना बना के तुम्हें, ये क्या कमाल कर लिया
ए हुस्न! तेरी आँखों में क्या क्या देख लिया
© कृतिका जोशी