"आंतरिक भावना तेरे लिए"
में सोता नहीं हूं अक्सर,
इस कदर नज़रों के,
नज़ारों में बसी है तू,
बचा लेता हूं खुदको,
सर्द हवाओं से हर बार,...
इस कदर नज़रों के,
नज़ारों में बसी है तू,
बचा लेता हूं खुदको,
सर्द हवाओं से हर बार,...