...

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ग़ज़ल
हैरान थी निगाहें वो इतना हसीन था
कुछ उसके साथ-साथ वो लम्हा हसीन था

कुछ उसका हुस्न भी था वुजूहाते-बेख़ुदी
कुछ उस परी-मिज़ाज का लहजा हसीन था

कुछ गुलसिताँ की रौनक़ें भी पुर-शबाब थीं
कुछ उसकी...