...

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मेरी पेहचान
दुनिया की खोज करते करते,
अपनी पेहचान को भूल गऐ,
खुद को आज ढुंढते ढुंढते,
आयने के सामने खडे हो गऐ |

परछाई ने कहा हँसते हँसते,
दुसरों की तारीफ तुम सुनते गऐ,
अपने आप को कोसते कोसते,...