...

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हम उड़ते पक्षी
हम उड़ते पक्षी करते है अनंत गगन को पार,
एक पल अँधियारा छाया जो,
परंतु कर ना सका बढ़ते पद को तार- तार,
हार की मधुकारी सुगंध ने यू मुझको गोद लिया,
जीत के पंखुरियों को एक-एक कर तोड़ दिया।

आश्चर्यकारी हृदयी नयन,
चिन्ह छोड़ते है मेरे बढ़ते कदम,
रंग ना पायी किन्तु मोह मेरा कोमल...