...

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खत
मेने खुद को उतार दिया है एक कागज पर,
साथ उतरी है मेरे ख्वाबों की कस्ती,
कुछ हसीन लम्हे जो उसके साथ गुजारे थे,
ओर कुछ दोस्तों के साथ बिताये किस्से
उतर आए कागज पर,
पहाड़ो वादियों में घूमना, नदियों झरनों के साथ बहना,
ओर बेस्टी के साथ मनाया पहला जन्मदिन सारे खुशियों के पल कागज पर उतर आए,
स्कूल के बहाने बाजार में कचौरी खाना,
ओर स्कूल में मेम का डांटना,
वो कॉलेज का क्रश,
ओर मां से छुपकर दीदी से उधार में पैसे लेकर क्रश को घुमाना,
मैं ज़िन्दगी के सारे हसीन पल कागज में उतारकर ,
ज़िन्दगी के नाम खत लिखा है,
की अब इस बैरंग ज़िन्दगी में क्या कुछ और खुशी के हसीन पल भी ह क्या,
मैं खत ज़िन्दगी को भेज रहा हु।
© Verma Sahab