छोड़ दिया
जब छोड़ना ही था,
किन्हीं और की गलियों में हाथ मेरा,
तो अभी तक थामें रखा क्यों था,
यू झटके से खुद से दूर कर दिया ऐसे,
जैसें कभी दिल में रखा ही नहीं था।
जब दूर करना ही था तुम्हें हमें,
तो यू दिल के करीब लगाया ही क्यों था,
रास्तें घर की गलियों...
किन्हीं और की गलियों में हाथ मेरा,
तो अभी तक थामें रखा क्यों था,
यू झटके से खुद से दूर कर दिया ऐसे,
जैसें कभी दिल में रखा ही नहीं था।
जब दूर करना ही था तुम्हें हमें,
तो यू दिल के करीब लगाया ही क्यों था,
रास्तें घर की गलियों...