10 views
अनमोल रिश्ते
#राखीकाप्यार
त्योहार है रक्षा बंधन का
और पास नही पैसे मेरे
सूनी कैसे रहेगी
मेरे भैया कल कलाई तेरे
क्या करे समझ नही आता है
कौन मदद करेगा मेरा
सब मतलब के रिश्तेदार
कौन सुनेगा कथन मेरा
कुछ देर सोचती रही बहना
हे इश्वर कुछ तो सुझाओ तुम
भैया की राखी लाऊँ कैसे
कुछ उपाय मुझे बतलाओ तुम
फिर सोचा पडोस मे दर्जी है
कुछ रंग बिरंगे कपडे लाउं मै
अपने हाथों से भैया का
प्यारी सी राखी बनाऊँ मै
छोटे छोटे कतरन लाई
फिर मोती उसमे पिरोइ वो
अपने राजा भैया के लिए
सुंदर सी राखी बनाई वो
भाई भी इधर सोंच मे था
कल राखी बांधेगी बहना
क्या सगुन हाथ मे रखूंगा
जब तिलक लगाएगी बहना
मंदिर मे आते भक्तो की
जूते सहेजने लगा भाई
नन्हे छोटे का भोला मुखड़ा
सभी भक्तों को बहुत भाई
सबने पैसे देकर उसको
माथे पे हाथ फिराई थी
पैसे के साथ साथ कोई
देता रहा मिठाई भी
जब घर की ओर कदम बढे
कुछ बात ध्यान मे आई तब
हर रोज हाथ जल जाते है
दीदी रोटियां सेंकती है जब
क्यू न एक छोटी सी चिमटी
दीदी के लिए ले चलूँ मै
दीदी का हाथ जले नही
यही अपना फर्ज निभाऊं मै
है प्यार यही है स्नेह यही
रिश्तों का मोल यही तो है
दुख सुख सहोदर का एक रहे
सच्चा त्योहार यही तो है
जो भाई बहन की रक्षा को
अपना कर्तव्य समझते है
इसलिए बहन भाई का प्रेम
हम उच्च कोटी का समझते है।।
त्योहार है रक्षा बंधन का
और पास नही पैसे मेरे
सूनी कैसे रहेगी
मेरे भैया कल कलाई तेरे
क्या करे समझ नही आता है
कौन मदद करेगा मेरा
सब मतलब के रिश्तेदार
कौन सुनेगा कथन मेरा
कुछ देर सोचती रही बहना
हे इश्वर कुछ तो सुझाओ तुम
भैया की राखी लाऊँ कैसे
कुछ उपाय मुझे बतलाओ तुम
फिर सोचा पडोस मे दर्जी है
कुछ रंग बिरंगे कपडे लाउं मै
अपने हाथों से भैया का
प्यारी सी राखी बनाऊँ मै
छोटे छोटे कतरन लाई
फिर मोती उसमे पिरोइ वो
अपने राजा भैया के लिए
सुंदर सी राखी बनाई वो
भाई भी इधर सोंच मे था
कल राखी बांधेगी बहना
क्या सगुन हाथ मे रखूंगा
जब तिलक लगाएगी बहना
मंदिर मे आते भक्तो की
जूते सहेजने लगा भाई
नन्हे छोटे का भोला मुखड़ा
सभी भक्तों को बहुत भाई
सबने पैसे देकर उसको
माथे पे हाथ फिराई थी
पैसे के साथ साथ कोई
देता रहा मिठाई भी
जब घर की ओर कदम बढे
कुछ बात ध्यान मे आई तब
हर रोज हाथ जल जाते है
दीदी रोटियां सेंकती है जब
क्यू न एक छोटी सी चिमटी
दीदी के लिए ले चलूँ मै
दीदी का हाथ जले नही
यही अपना फर्ज निभाऊं मै
है प्यार यही है स्नेह यही
रिश्तों का मोल यही तो है
दुख सुख सहोदर का एक रहे
सच्चा त्योहार यही तो है
जो भाई बहन की रक्षा को
अपना कर्तव्य समझते है
इसलिए बहन भाई का प्रेम
हम उच्च कोटी का समझते है।।
Related Stories
15 Likes
12
Comments
15 Likes
12
Comments