मरते तो सब हैं किसी के लिए जी सको तो पता चले, महबूब से आशिकी ठीक है मगर मां बाप से मोहब्बत कर सको तो पता चले
खुद के लिए कर दूँ आसान, पर चाह के भी कर नहीं सकता,
घर की जिम्मेदारियां हैं मुझ पर ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।
सफर में दुश्वारियां हैं पर बेबाकी से गुजर जाऊंँगा,
यूँ दूर से ही मैं डर नहीं सकता ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।
आज ठोकर पत्थर से...
घर की जिम्मेदारियां हैं मुझ पर ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।
सफर में दुश्वारियां हैं पर बेबाकी से गुजर जाऊंँगा,
यूँ दूर से ही मैं डर नहीं सकता ऐ जिंदगी मैं मर नहीं सकता।
आज ठोकर पत्थर से...