...

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कभी मिलोगी तो बताएंगे
कभी मिलोगी तो बताएंगे,
हाल -ऐ -दिल तुम्हे अपना हम सुनाएंगे।
किसी की याद में कैसे तन्हा कटती है राते,
मिलकर तुम्हे ये एहसास दिलाएंगे।
एक नज़र तुम्हारी आंखों में बसने की खुशी क्या होती है,यह मिलकर तुम्हे बताएंगे।

कभी मिलोगी तो बताएंगे।
हाल - ऐ -दिल तुम्हे अपना हम सुनाएंगे।

आंखो में मेरे जिसका चेहरा बस्ता है।
वो चेहरा तुम्हे दिखलाएंगे,
बैठ कर तुम्हारे साथ,
तुम्हारे दर्द को हम अपना पता बताएंगे।

कभी मिलोगी तो तुम्हारे साथ जीवन के सबसे हसीन लम्हे बिताएंगे।
तुम्हारी आंखों से होते हुए तुम्हारे दिल में एक छोटा सा घर बनायेंगे।

कभी मिलोगी तो बताएंगे।
हाल -ऐ -दिल तुम्हे अपना हम सुनाएंगे।

भरी महफिल में तन्हा कैसे शाम गुजारी है हमने, एक दिन तुम्हे तन्हाइयों से वाकीफ कराएंगे।

कभी मिलोगी तो बतलाएंगे।
खुद से भी ज्यादा एक तुम्हे चाहेंगे।
तुम्हारी खुशियों का तो हिस्सा नहीं ,
पर तुम्हारे दुख में हम हर पल खरे बाहर आएंगे।

कभी मिलोगी तो बताएंगे,
तुमसे बिछड़कर कितना रोया है, ये दिल
इस दिल की हर आप बीती तुम्हे सुनाएंगे।




© The Burning🔥soul Niraj