#मेरे गांव की मिट्टी
मेहनतकश लोग, धरती को सँवारते हैं,
पक्षियों के कलरव, मन को लुभाते है।
लहलहाते खेतों से,जब कोई राही गुजरता है,
फसलों की महक,झुकी हुई धान की बालियाँ,
बीच बीच में छोटी बड़ी ताल तलैया,
पारदर्शी निर्मल...
पक्षियों के कलरव, मन को लुभाते है।
लहलहाते खेतों से,जब कोई राही गुजरता है,
फसलों की महक,झुकी हुई धान की बालियाँ,
बीच बीच में छोटी बड़ी ताल तलैया,
पारदर्शी निर्मल...