"ये दौर फिर ना आयेगा...."
कर गुज़र कुछ बेहतर, ये दौर फिर ना आयेगा !
तेरे हाथों की लकीरें, तेरे इंतज़ार में है ।
चंद हौसलों के साथ, बढ़ा क़दम आसमां की ओर !
यकींनन तेरा मुस्तकबिल, रौशन हो जायेगा।
डर-डर के जीने से अच्छा है, उमंग परवान चढ़े !
आसमां की ऊंचाई, छूने का दिल में जूनून जगे ।
फतह हो हर एक ख़्वाब, ऐसा कोई राह बना !
तू बस आगे बढ़ता जा, तेरे पीछे ज़माना जायेगा।
कर गुज़र कुछ बेहतर, ये दौर फिर ना आयेगा।।
© Ranगीला🌺
तेरे हाथों की लकीरें, तेरे इंतज़ार में है ।
चंद हौसलों के साथ, बढ़ा क़दम आसमां की ओर !
यकींनन तेरा मुस्तकबिल, रौशन हो जायेगा।
डर-डर के जीने से अच्छा है, उमंग परवान चढ़े !
आसमां की ऊंचाई, छूने का दिल में जूनून जगे ।
फतह हो हर एक ख़्वाब, ऐसा कोई राह बना !
तू बस आगे बढ़ता जा, तेरे पीछे ज़माना जायेगा।
कर गुज़र कुछ बेहतर, ये दौर फिर ना आयेगा।।
© Ranगीला🌺