जय हिन्द
हां मां तेरे लालो ने फिर से जान गवाई हैं
तुझपे कोई आंच ना आए इसलिए फ़िर से सीने पे गोली खाई हैं
हम याद रखेंगे कुर्बानी उनकी ना जाया जाएंगी
पांच हुए शहीद तो लाखों की आंधी आएगी
वो मरे नहीं हैं जिंदा है धरती के कड़ कड़ में
बसे रहेंगे वो सदा के लिए हमारे जन गड़ में
कोई सम्मान नहीं बढ़कर उनके बलिदान से
प्राण त्याग दिए जिन्होंने तिरंगे के स्वाभिमान पे
जय हिन्द
तुझपे कोई आंच ना आए इसलिए फ़िर से सीने पे गोली खाई हैं
हम याद रखेंगे कुर्बानी उनकी ना जाया जाएंगी
पांच हुए शहीद तो लाखों की आंधी आएगी
वो मरे नहीं हैं जिंदा है धरती के कड़ कड़ में
बसे रहेंगे वो सदा के लिए हमारे जन गड़ में
कोई सम्मान नहीं बढ़कर उनके बलिदान से
प्राण त्याग दिए जिन्होंने तिरंगे के स्वाभिमान पे
जय हिन्द