दुनिया
दुनिया एक जंगल हैं, यहाँ हर शिकारी नया पैंतरा लिए बैठा हैं।।
फैली हुई हैं तरजीह मकड़जाल सी,कोई पहचान न ले कहीं इसीलिए नया चेहरा लिए बैठा हैं।।
हर गली - कूचे कुवास की महक हैं रात में,और दिन में कुईँ सा मोहरा लिए बैठा हैं।।
सफ़र लंबा और राह अकेली ,एहतियायत लिए चल "शायर"
की दर हमपहलू घात गहरा लिए बैठा हैं।।
© yyours fellow
फैली हुई हैं तरजीह मकड़जाल सी,कोई पहचान न ले कहीं इसीलिए नया चेहरा लिए बैठा हैं।।
हर गली - कूचे कुवास की महक हैं रात में,और दिन में कुईँ सा मोहरा लिए बैठा हैं।।
सफ़र लंबा और राह अकेली ,एहतियायत लिए चल "शायर"
की दर हमपहलू घात गहरा लिए बैठा हैं।।
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