हां मुझे तुमसे डर लगता है।
हां मुझे तुमसे डर लगता है।
अपने जिस्म को हर पल ढकती हूं,
क्योंकि डरती हूं कहीं निर्भया ना बन जाऊं.....
अंधेरे से पहले लौट आऊंगी,
ये कह के घर से निकलती हूं,
क्योंकि वो डरते है कहीं मैं आसिफा ना बन जाऊं.....
बहोत देखा निर्भया को,
बहोत देखीं...
अपने जिस्म को हर पल ढकती हूं,
क्योंकि डरती हूं कहीं निर्भया ना बन जाऊं.....
अंधेरे से पहले लौट आऊंगी,
ये कह के घर से निकलती हूं,
क्योंकि वो डरते है कहीं मैं आसिफा ना बन जाऊं.....
बहोत देखा निर्भया को,
बहोत देखीं...