...

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*** तसब्बुर ***
*** ग़ज़ल ***
*** तसब्बुर ***

" हम याद जऱा तुम्हें करेंगे ,
तेरी बात जऱा खुद से करेंगे ,
मुख्तलिफ मसले फिर क्या किया जाये ,
हम खुद में तुम्हें खोजते फिरेंगे ,
रास आये हयाते-ए-हिज्र
फिर वो बात कहां मुलाक़ात कहा ,
सवालात जो करु फिर वो बात कहां ,
मिलना हैं की बिछड़ना हैं वो ,
मुख्तलिफ सवगात हैं ,...