...

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जाने दो
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
जाने दो जो चला गया|

मत रोक उसको वो टूट गया,
कुछ सिमटा कुछ बिखर गया|
कुछ उलझा है तुमसे
कुछ वक़्त से सुलझ गया,
कुछ हद से ज़्यादा तो कुछ हद से कम
पर बिखर गया|

कुछ तन्वी सा बदन था
कुछ नम सी आँखें
कुछ सहम गया कुछ टूट गया|

जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
बेवक्त जो वक्ता बना गया,
जाने दो जो चला गया|
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