...

4 views

मनोव्यथा
उस शहर को मैंने छोड़ दिया
जिस शहर में हम तुम मिलते थे
वो पिला कुर्ता पहनना छोड़ दिया
जिसमें तुम्हें मैं बड़ी जचती थी
तेरे सारी निशानियां मिटा दी मैंने
तेरा दिया हर चीज़ जोड़ देता शायद मुझे फिर से
अब वो अंगूठी वो चेन वो कंगन
वो चाबी का गुच्छा और जो सब...