दुनिया कि सच्चाई
सबको जो साथ लेकर
चल रहा था में
सभी तो बच जाते
रास्तों पर गिर रहा था में
सभीे कि मुस्किलो को दूर करता था
जो हर वक्त
दोस्त पूछते थे सिर्फ काम से
वक्त और वेवक्त
जब गुजरा मुश्किलो से में
नहीं एक हाथ भी आया
दुखों को बाटने नहीं
नहीं कोई साथ में आया
दुखों में था मगर
पूछा किसी हाल तक नहीं
क्या हुआ पूछा...
चल रहा था में
सभी तो बच जाते
रास्तों पर गिर रहा था में
सभीे कि मुस्किलो को दूर करता था
जो हर वक्त
दोस्त पूछते थे सिर्फ काम से
वक्त और वेवक्त
जब गुजरा मुश्किलो से में
नहीं एक हाथ भी आया
दुखों को बाटने नहीं
नहीं कोई साथ में आया
दुखों में था मगर
पूछा किसी हाल तक नहीं
क्या हुआ पूछा...