यादों की पुड़िया
उस वक्त से एक चीज चुराई थी
पुड़िया बना कर जेब में रखी
फिर जाके अलमारी में बंद कर दिया था
आज वो पुड़िया निकालनी है
पापा की साइकिल पर तीन सीट थे
आगे मैं, बीच में पापा और पीछे भईया
आज कार खरीदी है मैने
अब सीट चार हैं, भागती भी तेज है
अब ड्राइवर मैं हूं, पापा नहीं
पापा शांत बैठे हैं बगल...
पुड़िया बना कर जेब में रखी
फिर जाके अलमारी में बंद कर दिया था
आज वो पुड़िया निकालनी है
पापा की साइकिल पर तीन सीट थे
आगे मैं, बीच में पापा और पीछे भईया
आज कार खरीदी है मैने
अब सीट चार हैं, भागती भी तेज है
अब ड्राइवर मैं हूं, पापा नहीं
पापा शांत बैठे हैं बगल...