2 views
अब गम पीला देता है....
यार आदत तो बुरी है, यह मैं भी जानता हूं,
पहले नही पीता था, अब गम पीला देता है।
तुम तो हमें हंसाते थे, पुराने यार कह रहे हैं,
पहले नही रोता था, अब गम रूला देता है।
कभी तो यूं लगता है, जीवन ज़हर है मेरा,
मरने की सोचता हूं, यह गम सजा देता है।
सब भूलने की सोची, दुनियां को भूल गया,
तेरी यादों को सहेज कर, गम बचा लेता है।
आख़िर इक दिन सोचा, कोई अच्छा गीत लिखूं,
छगन तेरा पागलपन, दर्द ए गज़ल लिखा देता है।
© छगन सिंह जेरठी
पहले नही पीता था, अब गम पीला देता है।
तुम तो हमें हंसाते थे, पुराने यार कह रहे हैं,
पहले नही रोता था, अब गम रूला देता है।
कभी तो यूं लगता है, जीवन ज़हर है मेरा,
मरने की सोचता हूं, यह गम सजा देता है।
सब भूलने की सोची, दुनियां को भूल गया,
तेरी यादों को सहेज कर, गम बचा लेता है।
आख़िर इक दिन सोचा, कोई अच्छा गीत लिखूं,
छगन तेरा पागलपन, दर्द ए गज़ल लिखा देता है।
© छगन सिंह जेरठी
Related Stories
5 Likes
0
Comments
5 Likes
0
Comments