ज़िंदगी की कश्मकश
ज़िंदगी की कश्मकश बस यूं ही जारी रही
तू किसी की हो कर भी तू बस हमारी रही
सोचा था कभी तुझे अपना बना ही लेंगे
वक़्त गुजरता गया दिल में एक जंग तारी रही
तेरा...
तू किसी की हो कर भी तू बस हमारी रही
सोचा था कभी तुझे अपना बना ही लेंगे
वक़्त गुजरता गया दिल में एक जंग तारी रही
तेरा...