गुलाब खिलने दो
हसीन तेरा चमन है गुलाब खिलने दो
लगी है चुप सी यहाँ पे सितार बजने दो
न बांटना कभी इंसान को इंसानों से
दिलों में रंज बहुत है दिलों को मिलने दो
कटेगा कैसे सफऱ रास्ता...
लगी है चुप सी यहाँ पे सितार बजने दो
न बांटना कभी इंसान को इंसानों से
दिलों में रंज बहुत है दिलों को मिलने दो
कटेगा कैसे सफऱ रास्ता...