सन्नाटा बया करता है..🍂🍂
सन्नाटा बया करता है
दबा रखा है कितने शोरों को तूने,
कितने तूफानों को छुपा रखा है,
है डूबा तू अजीब सी उलझन में,
अकेलेपन और उदासी में खोया है तू...
सन्नाटा बया करता है..
उस जंग को जो तेरे दिल में जारी है,
घाव उन खंजरो के, जो तेरे अपनो ने मारी है
शायद खुद है नाराज़ तू,
तेरी यही नाराज़गी अब सन्नाटा बया करता है...
© Jyoti Kanaujiya
दबा रखा है कितने शोरों को तूने,
कितने तूफानों को छुपा रखा है,
है डूबा तू अजीब सी उलझन में,
अकेलेपन और उदासी में खोया है तू...
सन्नाटा बया करता है..
उस जंग को जो तेरे दिल में जारी है,
घाव उन खंजरो के, जो तेरे अपनो ने मारी है
शायद खुद है नाराज़ तू,
तेरी यही नाराज़गी अब सन्नाटा बया करता है...
© Jyoti Kanaujiya