अकेलापन
अकेलापन
सूनी राहें, ख़ामोशियाँ गहरी,
दिल में छुपी है, एक अनकही बात।
आँखों में नमी, यादों का पहरा,
तन्हाई का ये, कैसा है साथ?
सपने थे कितने, टूट गए सारे,
अपनों के साये, भी हुए हैं पराये।
दर्द की लहरें, दिल को भिगोतीं,
अश्कों में डूबे, ये लम्हे...
सूनी राहें, ख़ामोशियाँ गहरी,
दिल में छुपी है, एक अनकही बात।
आँखों में नमी, यादों का पहरा,
तन्हाई का ये, कैसा है साथ?
सपने थे कितने, टूट गए सारे,
अपनों के साये, भी हुए हैं पराये।
दर्द की लहरें, दिल को भिगोतीं,
अश्कों में डूबे, ये लम्हे...