पढ़ ले अगर कोई
पढ़ ले अगर कोई …
इन आँखों की गहराइयों को ,
समझ ले अगर कोई …
डबडबायी आँखों और
मुस्कुराते चेहरे के पीछे की
परेशानियों को ,
जान ले अगर कोई
कि क्या दर्द छुपा रखा है दिल में ,
इल्म हो जाए जिसको कि ,
ये दिल है किस मुश्किल में .
तब समझूँगी इश्क़ है …
जो मेरा सबसे ख़ास हो
जिसको मेरे हर दर्द का एहसास हो ,
जो मेरी बातों को बिना कहे समझ जाए ,
जो मेरे दिल की गहराइयों में उतर जाए ..
मेरी ख़ुशी में जिसकी ख़ुशी हो ..
जिसके होंठों पर मेरी हँसी हों ..
जो मेरा हमराज़ हो ..
जिसको मेरे साथ होने पर नाज़ हो ..
तब समझूँगी इश्क़ है ..
तब समझूँगी इश्क़ है !
इन आँखों की गहराइयों को ,
समझ ले अगर कोई …
डबडबायी आँखों और
मुस्कुराते चेहरे के पीछे की
परेशानियों को ,
जान ले अगर कोई
कि क्या दर्द छुपा रखा है दिल में ,
इल्म हो जाए जिसको कि ,
ये दिल है किस मुश्किल में .
तब समझूँगी इश्क़ है …
जो मेरा सबसे ख़ास हो
जिसको मेरे हर दर्द का एहसास हो ,
जो मेरी बातों को बिना कहे समझ जाए ,
जो मेरे दिल की गहराइयों में उतर जाए ..
मेरी ख़ुशी में जिसकी ख़ुशी हो ..
जिसके होंठों पर मेरी हँसी हों ..
जो मेरा हमराज़ हो ..
जिसको मेरे साथ होने पर नाज़ हो ..
तब समझूँगी इश्क़ है ..
तब समझूँगी इश्क़ है !