...

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शीशा ए दिल बिखर जाए तो
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
टूट जाता हैं बस बिखरना बाकी है,
बचे है कुछ एहसास उनका,
आना जाना बाकी है,

मौत करती हैं रोज सामना,
पूछती हैं सवाल........
अभी और कब तल्क
देखना बाकी है,
शीशा ए जिंदगी टूट चुकी हैं
अभी बिखरना बाकी है,

निखर जाएँगी जिंदगी थोड़ा
समझौता कर लेना...........
सुनना अपनी अन्तर आत्मा का,
खुद को भी सम्भाल लेना,
बेसक पुरा ना समेट पाओ,
थोड़ा ही समेट लेना,

कुछ यादों को बसा लेना दिल में
कुछ को निकाल फेकना,
टूट कर जब पुरा बिखर जाओ,
हट छोड़ कर थोड़ा निखर जाना,

सताए जब मेरी याद पल पल,
उन दर्द भरी यादों को निकाल फेकना,
गम के उन एहसासों को बिखेर देना,
कर लेना समझौता खुद को निखार लेना,
शीशा ए दिल टूट कर बिखर जाए,
फिर ना समेटना................!!
@chanda
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