चाहत
खुल कर जी रहा हुँ जिंदगी ,तेरे आने से।
टूट जाऊँगा मे ,तेरे जिंदगी से जाने से ।।
ख़्वाबों मे भी आओ यह हक है सिर्फ तुम्हारा ।
इस दिल की दीवारों पर बस नाम तुम्हारा ।।
अगर मौत भी आ जाये ,तेरी बांहो मे
खुसनसीब समझुगा खुद को मे
जिस दिन ना देखु सूरत तेरी ,मन बेचैन होता है।
क्या होगा यदि बिछड़ गई तुम ,सोच के दिल रोता है ।।
ये चाहत नही तो क्या समझ नही आता ।
अब तो तुझको देखे बिना मे राहा नही जाता।।
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टूट जाऊँगा मे ,तेरे जिंदगी से जाने से ।।
ख़्वाबों मे भी आओ यह हक है सिर्फ तुम्हारा ।
इस दिल की दीवारों पर बस नाम तुम्हारा ।।
अगर मौत भी आ जाये ,तेरी बांहो मे
खुसनसीब समझुगा खुद को मे
जिस दिन ना देखु सूरत तेरी ,मन बेचैन होता है।
क्या होगा यदि बिछड़ गई तुम ,सोच के दिल रोता है ।।
ये चाहत नही तो क्या समझ नही आता ।
अब तो तुझको देखे बिना मे राहा नही जाता।।
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