...

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"पता नहीं कल क्या होगा"
पता नहीं कल क्या होगा,
फिर भी सफ़र जारी है,
पलकों पर बोझ सपनों का,
हमें मालूम नहीं कब हमारी बारी है।

थके कदम, उलझी राहें,
पर हार अभी मानी नहीं,
सपनों के इस...