पत्र
शब्दों की मर्यादा को लांघ!
हे प्रिय पत्र तुम्हें मैं लिखता हूं
सब कुछ शब्दों से बांध
हे प्रिय पत्र तुम्हें मैं लिखता हूं
तुम चंद्र रश्मि सा मुझको छू लो
नभ को देखो मेरे होलो
तारों की भाषा में बात कही है मैने
बांधा है जुगनू से प्रकाश, भेदों को खोलो
तू मेरा विवरण मै तेरा शीर्षांक
शब्दों की मर्यादा को लांघ!
हे प्रिय पत्र तुम्हें मैं लिखता हूं
अवगुण हैं...
हे प्रिय पत्र तुम्हें मैं लिखता हूं
सब कुछ शब्दों से बांध
हे प्रिय पत्र तुम्हें मैं लिखता हूं
तुम चंद्र रश्मि सा मुझको छू लो
नभ को देखो मेरे होलो
तारों की भाषा में बात कही है मैने
बांधा है जुगनू से प्रकाश, भेदों को खोलो
तू मेरा विवरण मै तेरा शीर्षांक
शब्दों की मर्यादा को लांघ!
हे प्रिय पत्र तुम्हें मैं लिखता हूं
अवगुण हैं...