इश्क़ का पैग़ाम
खुशबू में लिपटी लिफाफे में सिमटी,
ले जा रे परिंदे मेरा ये पैग़ाम इश्क़ का।
हर घड़ी जिनकी जुदाई में बेबस हो,
लिखा है खत मैंने अपने पिया के नाम।
ले जा रे परिंदे मेरा ये पैग़ाम इश्क़ का
कहना उनसे मेरे मन की हर एक बात,
या उड़ा लाना उन्हें तुम अपने साथ।...
ले जा रे परिंदे मेरा ये पैग़ाम इश्क़ का।
हर घड़ी जिनकी जुदाई में बेबस हो,
लिखा है खत मैंने अपने पिया के नाम।
ले जा रे परिंदे मेरा ये पैग़ाम इश्क़ का
कहना उनसे मेरे मन की हर एक बात,
या उड़ा लाना उन्हें तुम अपने साथ।...