प्रेम रोग
ना जात देखे ना धर्म देखे
ना आज ना कल की सोचे
जिसे लग जाये ये जोग
वो नहीं समझता कुछ और
बस अपनी ही धुण में मगन
है रहता सिर्फ़ अपने ही मन की
करता शायद ऐसा ही
प्रेम रोग है होता!!
© Tinki
ना आज ना कल की सोचे
जिसे लग जाये ये जोग
वो नहीं समझता कुछ और
बस अपनी ही धुण में मगन
है रहता सिर्फ़ अपने ही मन की
करता शायद ऐसा ही
प्रेम रोग है होता!!
© Tinki
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