...

1 views

यादें हैं और यादें ही रहेंगे
यादें.....क्या होते हैं ?क्यों होते हैं ?
वे अपने रहस्यों से भरे होते हैं ।
विज्ञान के पास भी लाज़मी जवाब की कमी है
पर फिर भी इंसानों के वजूद इससे होती है ।

जो इंसान अपने यादों से आज़ाद हो गया
उसमे और जानवर या एक छोटे बच्चे में कोई भेद नहीं
ये यादें ही इंसानों को इंसान बनाते हैं
यादों में बसी कई सिख, कई सही गलत का हिसाब निकास
दुनिया की खरी खोटी सब इसमें बसी है।

यादें ना किसीको दिखते हैं न ही सुनाई देते हैं
फिर भी अपने होने का एहसास कराते हैं
बचपन के मासूम शरारतें, बड़े होने की जद्दोजहत
इन सब में हम खुद के साथ वक्त बिताना और
नई खुसनमा यादें बनाना भूल जाते हैं ।

कई बार हम जिंदा होते हैं इन यादों के सहारे
क्योंकि वक्त के साथ कुछ रिश्ते पीछे छूट जाते हैं
कुछ लोग हमसे छीन जाते हैं
जगह और रिश्ते अपने मायने बदल जाते हैं
नई रंगों में पुराने रंग फिकी पड़ने लगते हैं
कुछ यादों पे धुल चढ़ने लगते हैं ।

पर फिर भी यादें हैं और यादें ही रहेंगे
ताउम्र हमारे संग रहेंगे, साथ देंगे
बढ़ती उम्र के साथ सायद थोड़ी धुंधली पड़ जाए
पर फिर भी कभी कभी कुछ खास पलों में
अपनी ज्योत की किरण बिखरते सामने आयेंगे
कभी होठों पे मुस्कान लाते हुए दिखेंगे तो
कभी आंखों को नम करते हुए मिलेंगे

यादें हैं.....क्या हैं,क्यों हैं ना जानते हुए भी यादें रहेंगे
हमें जिंदा रखने में मदद करते रहेंगे
हमारी खुशियों और गम का साथी बने रहेंगे...
यादें हमें इंसान बनाए रखेंगे ।
© Dibyashree