ग़ज़ल
तेरे दीदार की हसरत लिए जी रहे हैं
दिल में तेरी मोहब्बत लिए जी रहे हैं
तुझे पाने की हमने कभी सोची नहीं
हाँ! मगर तेरी चाहत लिए जी रहे...
दिल में तेरी मोहब्बत लिए जी रहे हैं
तुझे पाने की हमने कभी सोची नहीं
हाँ! मगर तेरी चाहत लिए जी रहे...