...

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दिल के अल्फाज
चोंक जाते हैं लोग हक़ीक़त देखकर
बढ़ते हुए सोने की कीमत देखकर

आज आमने सामने हैं दो बेटे देश के
रोती हैं भारत माता ये हालत देखकर

मर जायें नौजवां या लुट जाये आबरू
मौन रहती है बस ये हुक़ूमत देखकर

मौजमस्ती में फैलाते हैं पहाड़ों पर कूड़ा
अब पटकते हैं माथा क़यामत देखकर

कलयुगी औलाद सताती है माँ-बाप को
बुजुर्ग मुस्काते हैं ये शरारत देखकर

धोलपोसी चमकती है बस कपड़ों से
आग उठती है लोगों की शराफ़त देखकर

कभी रोज़ डे,प्रपोज डे,फ़लाना डे
हैरान हूं आशिकों की चाहत देखकर

भाई-भाई दुश्मन हैं एक दूजे के
रिश्ते रोते हैं अपनों की नफ़रत देखकर

वफ़ा की,चोट खायी,सितम सहे लाखों
पर हम ख़ुश है अपनी क़िस्मत देखकर

#chaurasiya4386
@Rahul chaurasiya