...

14 views

वो आखिरी पन्ना..
आखिरी पन्ना बचा है तेरे दिए डायरी का
बोलो उसमें मैं क्या लिखूं।
दर्द मैं लिखना नहीं चाहती,
खुशियाँ तुमसे मिल नहीं पाई।
अब लोगों की भीड़ लिखूं या
लिख दूं मैं तन्हाई।
आखिरी पन्ना बचा है तेरे दिए डायरी का..........

ज़ख्म मैं लिखना नहीं चाहती,
मरहम मैं बन नहीं पाई।
अंधेरा लिखूं घनघोर सा,
या लिख दूं वो रोशनी जो अभी तक नहीं आई।
आखिरी पन्ना बचा है तेरे दिए डायरी का.............

कांटे मैं लिखना नहीं चाहती,
फूल तुमसे मुझे कभी न मिल पाई।
मुलाकात लिखूं जो मुकम्मल ना हुआ,
या लिख दूं मैं जुदाई।

एक आख़री पन्ना बचा है तेरे दिए डायरी का.......

गम मैं लिखना नहीं चाहती।
मुस्कुराहट तेरे चेहरे पर ला न पाई,
बावजूद इसके मैं लिख दूँ मोहब्बत या
लिख दूं मैं बेवफ़ाई।

एक आखिरी पन्ना बचा है तेरे दिए डायरी का............


© shalini ✍️
#Life&Life
#Love&love💞