एक प्रश्न सुभद्रा का
याद
करें सब
देवकी और यशोदा
ममता गई
जीत
मान
पाते हैं
वसुदेव और नंद
गए युग
बीत
बंसी,
गैया, यमुना
कदंब की डाली
सुने इनके
गीत
सुदामा
सम मित्र
भी पाते सम्मान
पुण्य कितने
कीत
राधा
संग रास,
रुक्मिणी बनी संगिनी
सच्ची इनकी
प्रीत
द्रोपदी
कृष्णा कहलाई
सखा बने सहाय
सुन उसकी
चीत
कोई
न लेता
संग नाम सुभद्रा
क्यों ऐसी
रीत
क्यों
भाई बहन
का स्नेह अभागा
सोच हृदय
भीत
#ssg_realization_of_life
This is a #12321 poem.
© Shweta Gupta
करें सब
देवकी और यशोदा
ममता गई
जीत
मान
पाते हैं
वसुदेव और नंद
गए युग
बीत
बंसी,
गैया, यमुना
कदंब की डाली
सुने इनके
गीत
सुदामा
सम मित्र
भी पाते सम्मान
पुण्य कितने
कीत
राधा
संग रास,
रुक्मिणी बनी संगिनी
सच्ची इनकी
प्रीत
द्रोपदी
कृष्णा कहलाई
सखा बने सहाय
सुन उसकी
चीत
कोई
न लेता
संग नाम सुभद्रा
क्यों ऐसी
रीत
क्यों
भाई बहन
का स्नेह अभागा
सोच हृदय
भीत
#ssg_realization_of_life
This is a #12321 poem.
© Shweta Gupta