...

13 views

तुम क्यो नही समझ पाते हो....
जानते हो सब, और हाथ भी झटकते हो
मुहब्बत है हमे भी ये क्यों नही समझते हो
माना संग रहने का़ वादा किया नही अब तक
दिल की ज़ुबा को दिल से क्यो नही सुन पाते हो
ये आना जाना, जाना आना, अच्छा् नही इश्क़ मे
रुके है तुम्हारे लिये ये क्यो नही देख पाते हो
तन्हाई का़ घूंट फिर पियेंगे माना
तुम्हारे संग खुश रहते है क्यो नही समझ पाते हो
ये यूँ हो हुआ की दिल हम भी हार गये
मुहब्बत की ग़ज़ल तुम भी क्यो नही सुन पाते हो
© कृतिका जोशी