सुनो! ओ दिल..
सुनो! ओ दिल..
वक्त तो मेरे लिए नहीं ठहर रहा
जरा तुम ही ठहर जाओ तो
मेरा सबकुछ ठहर जाएगा
मेरी तन्हाईयां मेरी रुसवाईयां
ये तुम पर हुए घावों का दर्द
तुम्हारे पल पल टूटते टुकड़े जर्जर
सुनो! ओ दिल..
मेरा कहा थोड़ा मान जाओ
तो इस काया से मोह छूट जाएगा
शरीर की थकन मिट जाएगी
और रूह क़ैद से आज़ाद हो जाएगी
दर्द का साया खतम हो जायेगा
सुनो! ओ दिल..
मैं...
वक्त तो मेरे लिए नहीं ठहर रहा
जरा तुम ही ठहर जाओ तो
मेरा सबकुछ ठहर जाएगा
मेरी तन्हाईयां मेरी रुसवाईयां
ये तुम पर हुए घावों का दर्द
तुम्हारे पल पल टूटते टुकड़े जर्जर
सुनो! ओ दिल..
मेरा कहा थोड़ा मान जाओ
तो इस काया से मोह छूट जाएगा
शरीर की थकन मिट जाएगी
और रूह क़ैद से आज़ाद हो जाएगी
दर्द का साया खतम हो जायेगा
सुनो! ओ दिल..
मैं...