...

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एक पागल दीवानी सी...💐💐💐
एक पागल दीवानी सी
सहमी सहमी सी
बहुत कुछ कह जाती
खामोश रहकर
मगर इज़हार नही
कर पाती ..
इश्क की किताब तो
पढ़ना चाहती है पर
साकार नही करना चाहती
डरती है इश्क के नाम से
क्या पता उसे इश्क किया
नही जाता ,हो जाता है
कबूल तो है उसे मोहब्बत
पर इनकार कर इकरार
भी कर जाती है खामोशी से
छुप छुप प्यार कर जाती
चंचल अदा की चाल से
इंतज़ार है उसके आवाज की
शमां बन के परवाने के
साथ जल जाने की ।।