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मधुमास
#TheUnrequitedLoveमधुमास
कितने सुंदर-स्वप्प्न सुहानें, नयनों में कितना विश्वास जगाया,
संग अपने लेकर प्रियतम को, मनभावन मधुमास है आया।

कली-कली यूँ चटक रहीं है, पुष्प खिले है गली-गली,
देख सुहानें रंग-बिरंगे पुष्पों को, मन-प्रफुल्लित तन लहराया।

पवन-सुगंधित यूँ हो चली है, कितने घोला मलय-चंदन,
नवकोपल को कर धारण देखो, आम्र-विटप कैसे बौराया।

पीली सरसों के खेत सुहाये, मन की पीड़ा भी बिसराये,
गुंजन करते अलि कली पर, देख-देख मन सबका हरसाया।

कण-पराग चहुँ-ओर प्रकीर्णित, मौसम में भी छाई खुमारी,
यूँ लगता है ज्यों मानो, धरती पर प्रेम-सुधा अम्बर बरसाया।

अब न रहो दूर यूँ कर तन्हा, विरह-वेदना अतिशय दुष्कर,
आन मिलो प्रिय से प्रियतम, मनभावन मधुमास है आया।

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