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>चिड़कली< (स्वरचित राजस्थानी गीत)

पीहर छौड़ कै उड़ी चिड़कली
हिस्सां मं बंट ज्यासी जी
ओ आँगण तो मन म बसगो
ई नै भूल ना पासी जी २

खेल खिलुण्याँ घोड़ा हाथी
बालपणै रा थै हो साथी
थानै छौड़ कठै जास्यां जी
थै म्हानै ढूंडो बीरोसा
म्है राख्यां मं मिल जास्यां जी २

लड़ती झगड़ती चोटी पकड़ती
खेल खेल मं मिलती बिछुड़ती
थानै छौड़ कठै जास्यां जी
थै म्हानै ढूंडो सहेल्यो
म्है सावण मं मिल जास्यां जी २

थे म्हाने कहता चिड़ी पराई
सहणी पड़सी कदै जुदाई
थानै छौड़ कठै जास्यां जी
थै म्हानै ढूंडो दादोसा
थारी गोदियां मं मिल जास्यां जी २

सात जलम थारै सागै रहणौ
सुख दुख सगळौ सागै सहणो
एबर पीहर रूंख दिखा द्यौ
नहीं ढोला म्है मर जास्यां जी २
@छगन सिंह जेरठी
© छगन सिंह जेरठी