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किरदार अमर रहेगा, धरा के आखिरी सूर्यास्त तक
ये अंत नहीं एक पुरुष का
एक युग पुरुष विश्व ने खोया है
ये नुकसान अति भारी है
इसकी भरपाई मुमकिन नहीं
ये अंत नहीं एक मानव का
सूरज अस्त हुआ है मानवता का
ये इंसान सिर्फ इंसान नहीं था
ये प्रेरणा पुंज था हर अंधेरी राहों का
ये अंत नहीं किसी डाली का
ये जो खोया है ये वृक्ष था
प्रेरणा का , दया का ,संघर्ष का ,समर्पण का
मानवता का ,दूरदर्शिता का , प्रकाश का,
उम्मीद का, आधार था आधार का ,मूल था मूल का
धरती ने धरती पुत्र खोया है
ये अब कभी नही जागेगा जो सोया है
आला किरदार था अमर रहेगा
अमर रहेगा सदैव के लिए
ये महान इंसान हमेशा अमर रहेगा,
धरा के आखिरी सूर्यास्त तक