जब भी लिखने बैठूँ में
जब भी लिखने बैठूँ में,
उड़ने लगती है लहर,
अनकहे जज़्बातों की,
चलने...
उड़ने लगती है लहर,
अनकहे जज़्बातों की,
चलने...